मान चिंगारी मुझे तुम,हौसलों की हवा देना.
पर बेरुखी की धूल से,मुझको न दबा देना.
आप का अभिनंदन है.आप के आशीष,स्नेह और प्रोत्साहन को टिप्पणी मे प्रकट करने की कृपा करें
जीते जी न कर सके, फॉसले मिटाने के हौसले
नफरत के रूप मे हमें, सियासत से जो थे मिले
पास पास लेटे हुए है , लेकिन लाश के रूप मे
शवगृह ने पाट दिए, आपस के वो सभी फॉसले
सुरS
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