बुधवार, 28 अगस्त 2013

व्यंग गीत -एक पुकार : " तेरा बदल गया संसार "


चौसर का दाँव खैलें,गली गली दुस्सासन
मूक, बधिर भी हो गया, धृतराष्ठ का शासन

कैसे बचाऐं लाज अपनी, बेटियाँ और नारी?
तेरा बदल गया संसार, अब तो आजा कृष्ण मुरारी

भ्रूणहत्या के पाप का ,अब तो सहा न जाये दंश
अपनी ही कन्या को मारें, माँ-बाप बने है कंश

कैसे जन्मेंगी सुभद्रा,राधा,मीरा और सखियाँ सारी?
तेरा बदल गया संसार, अब तो आजा बाँके बिहारी

नाग कालिया खादी पहन, नाचें ता था थैया
मझधार मे डुबा रहे, अब इस जग की नैया

कौन नथैगा इनको, पार लगेगी दुनिया सारी?
तेरा बदल गया संसार, अब तो आजा तू गिरधारी

गीता सार भूल गये, रास लीला इनको प्यारी
धर्म को बेंच रहे पाखण्डी, बन के धर्माचारी

कर्म से पहले फल की चिंता, सबको हुई है भारी
तेरा बदल गया संसार, अब तो आजा कुंज बिहारी

आज के अर्जुन सब कुछ सहकर भी मौन हैं
कौन इन्हे याद दिलाये, "उठकर देख तू कौन है"?

हक के लिये करले अर्जुन, धर्मयुध्द की तैयारी
तेरा बदल गया संसार, अब तो आजा तू गिरधारी

मंहगाई डायन के आगे, जीना बड़ा है दुश्वार
खून के साथ रगों मे बहता, अब तो भ्रष्टाचार

कैसे हो इनका संहार , कैसे मिटेगी ये बिमारी?
तेरा बदल गया संसार, अब तो आजा कृष्ण मुरारी

दूध, दही की नदियाँ कहाँ, अब तो नदियों मे नही पानी
प्रकृति का मालिक बन करता, मनुष्य इससे मनमानी

सूखा, बाढ़ और भूकंप , अब है प्रलय की बारी
तेरा बदल गया संसार, अब तो आजा तू गिरधारी
सुरS

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