अर्थशास्त्री हुये व्यर्थ, जनता हुई निराश
शायद कोई उपाय मिले, यही मन मे लिये आश
जनता सारी पहुंच गई, धर्माचार्य बाबा के पास
बलिहारी बाबा आपकी, कोई तो दियो उपाय
मंहगाई से लड़ने का, मार्ग हमें दीजो सुझाये
धर्माचार्य बाबा ने कहा:
मैं तो सदा से कहता आया पर, मेरी बात तुम्हे समझ न आई
अब समझोगे ,क्यों मैं सदा भक्तों से था कहता, शाकाहारी रहो भाई
मंहगाई से निपटने का, वेदों मे छिपा है राज़
भोजन करो सात्विक, बिना "लहसुन", बिना "प्याज"
सुर'S'
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